आज तक कहीं आते जाते जिस बेसहारे असहाय,
लोगों को देखा उनकी शक्ल याद करो !
आपने ऐसा कौनसा काम किया जो उनके हित में था,
या होगा, गर्व तो बाद में करो !!
गरीब लंगड़े अंधे मंद बुद्धि और बदनसीब,
लोगों का दिल में हाल चाल जानें !
आपने जो कदम उठाया हैं वह उनके लिए
कितना उपयोगी होगा ? राम जानें!!
हम सब खुदा महर से सकुशल हैं कि,
किसी की मदद कर सके !
जिंदगी के उन दर्दनाक घावों में कुछ मददरूपी,
मल्हम पट्टी तो कर सके !!
अपने जीवन से हार कर मरने वालें लोगों को,
धीरज बंधा कर जिलाये !
भक्त हनुमान बनके किसी के भैया को ,
संजीवनी बूटी तो खिलाये !!
असहाय के सहायक बनकर उनके चेहरे पर,
मुस्कान तो लाएं!
खुश होकर वो आशिस हमको देंगे,
चलो वरदान तो पाएं!!
किसी मरते हुए का भगवन बनकर आ जाओ!
‘देवा’ ईश्वर मिलन का सरल पंथ आजमाओ !!
लंबा कहूँ क्या , समझने वाले को यह भी ज्यादा हैं!
रहे यदि जिंदे तो , करेंगे परहित, यह देवा का वादा हैं !!
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हे जनसेवक ! तुम स्वार्थ की भावना न रखकर निसवार्थ मानव सेवा कर, अवश्य अमरता मिलेगी !
कुछ पाने के वास्ते कुछ खोना पड़ता हैं!
देवा जांगिड़
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अच्छा हैं