गुरुवार, जनवरी 05, 2017

मेरे विचार

मेरे विचारों की पद्य लाइने

साधारण बालक तुल्य मैं भी, एक लड़का हूँ !

समाज की कुरीतिया मिटाने को , आज भड़का हूँ!!

मैं पक्षपाती नही जो, पक्षपात के लिए कुछ करता हैं !

न छोटा बच्चा हूँ, जो मिटटी से खेला करता हैं!!

न कोई संपादक हूँ , जो अख़बार लिखता हूँ !

और न ही कोई पंच हूँ, जो पैसों के बदले बिकता हैं!!

न प्रसिद लेखक हूँ और न ही सरकारी नोकर हूँ !

चोर डाकू भी नही हूँ, न ही सर्कल का जोकर हूँ !!

न मुर्ख नादान हूँ, न ही बड़ी अक्ल की दाद !

बड़े लोगों सुन लीजो, छोट बालक की फरियाद !!

पापी को छोड़ कर धर्मी के साथ जाता हूँ !

मेरे दिल के सपने आपको बताता हूँ !!

यह बच्चों का खेल नही, धर्म व पाप की लड़ाई हैं !

आगे जो लिखा वो मेरी  न, सिर्फ ज्ञान की बड़ाई हैं!!

अब बालक देवा हरी के शरणों में लिखता हैं!

माफ़ करना भाइयों जो आपको गलत दिखता हैं !!

                                  -देवा जांगिड़

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