नफरत…
अनजाने मे कुछ लोग किसी अच्छे आदमी से रूठ जाते हैं, और उसके जीने के तरिके (ढंग) की कमिया निकालते रहते हैं.
मेरा मानना हैं कि जिनसे नफ़रत हो जाती हैं, उसकी हर बात मे नफ़रत ना करें, हमको उसकी जिस बात से नाराजगी हैं वो ही हमारी नफ़रत हैं, लेकिन जो उसमे खुबी हैं उसकी तो हमे तारीफ़ करनी चाहिये.!
ज्यादा नफ़रत हमारे अपने ही रास्ते मे रोडा बन जाती हैं.!
आइये नफ़रत की आग से कुछ अलग खुशहाल पल जीने का प्रयास करते हैं !
देवा जाँगिड़ के साथ…...
nice
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